Examine This Report on sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

This Mantra is penned in the form of a dialogue concerning a guru and his disciple. This Mantra is thought being The important thing into a tranquil state of head. 

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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